यूँ तो ख़त लिखने का सिलसिला तो बंद हो गया है और अगर ख़त लिखा भी गया है तो प्रेम में नौकरी के लिए कार्यालय के लिए | पहले ख़त लिखा जाता था कैरियत के लिए और आज चाहत के लिए |
लेकिन पिछले दिनों एक चमत कार हुआ एक ख़त के कारण बहुत बड़ा चमत्कार जो काम देश की जनता मिडिया और समाज सेवी ने न किया वो ख़त कर गया | वो ख़त क्या था ...............
दिन 13 जून : अन्ना ने ख़त लिखा सोनिया जी को ..................
दिन २० जून : सोनिया जी ने अन्ना जी को ख़त लिखा .............
दिन २१ जून : अन्ना जी वार्ता में खुश थे कपिल जी भी वार्ता में खुश थे और बारता भी अच्छी हुयी |
येषा क्या था की एक पत्र में की जो जनता का डर नहीं जो किसी का खौफ नहीं वो जो हर बात बात पे खीचा तानी करते थे बात बात पे बैमानी करते थे वो डर गए एक पत्र से जो न डरे पत्रकार से जुटे की बौछार से
क्या था उस पत्र में
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