मंहगाई के रंग
अपने अपने ढंग से लोग आध्यात्मिक-वैज्ञानिक तर्कों के आधार पर कहते रहते हैं कि जीवन में अलग अलग रंगों का अलग अलग प्रभाव पड़ता है। लगता है यह किंचित सच भी है। तभी तो "उजला कपड़ा" पहने लोगों के "काले धन" को निकलवाने के लिए "भगवाधारियों" के साथ साथ पूरे देश में लोग गुस्से से "लाल पीले" हो रहे हैं और लगातार बढ़ती मँहगाईयों के कारण आमलोगों के चेहरे पर से "खुशियों की हरियाली" गायब हो रही है।
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