सोमवार, 27 अप्रैल 2009

~~~~~इन्शान पार्ट 2 ~~~~~~

पिछले अंक में आप ने जाना था की इंसान कब और कैसे इंसान केलिए जानवर बन गया इसके लिए इंसान एकमात्र उपभोग की बस्तु बन गयी जब की इसको हमेशा सहयोग का माध्यम माना गया था |

बात थी की DNA के साथ आज कल प्रयोग चल रहा है और इसपर स्वामी राम देव भी बोल चुके है एक आप जिस फर्मी बैंगन आलू गोभी गाजर टमाटर और भी सब्जी खा रहे है वो आप की भूख तो ख़त्म कर सकते है पर इसके शाट आप की जीवन लेला भी ख़तम कर सकते है

इसके प्रयोग अमेरिका एवं कई विकसित देश में चल रहे है उनकोकई मंजिल नीचऐ और बड़ी सब्दानी से रक्खा जाता है क्योकि उसका एक प्राग कण अगर मूल प्रकटी पे आजाये तो वो समूल प्रकटी के डी ने ऐ का वीनस का काम कर सकता है और इसा हुआ भी जब प्रयोग किया जारहा था तब कई घटनाये हुयी

मक्के पर जब शोध हो रहा था तब कुछ मक्के की जाती पर खतरा हो गया और जब उसका संसोधन हुआ तो उसके पराग कण को लेजाने वाले कीट मर गए उसपर बैठते ही । अब कीतो के उपयूक्त बनाया जा रहा है । आगे भगवान् मलिक .....

एक दिन दिस्कोउवेरी पर दिखाया गया की किसी ठंडे प्रदेश में एक गुप्त जगह एक भण्डार बनाया गया है और उसमे तरह तरह के बीज जो है पूरे दुनिया में उसको संकलित कर रहे है छोटे छोटे शीशी में उनका कहना है कि किसी खतरे को मद्दे नजर इस प्रकार कि चेज़े बचाकर रखना सही है हमारे भविष्य के लिए उनका मन्ना है कि गोलाबल वार्मिंग या कोई अंतरीच से दुर्घटना को मद्दे नजर ................. पर ................... एक डी ने ऐ से होने वाली वीनास लीला से पहले का संकलन तो नही। एक पुरानी ख़बर आज से लगभग दस साल पहले भैसे को इंजेक्शन लगाया जाता रहा और बैगानिक कि तरीग्फ़ कि जाती रही कि क्या अनोखा इंजेक्शन लगे जा रहा है कि बच्चे की जरुरत भी नही और दूध भी पूरा ......पर इंसान की बीमारी % बढ गया करण आज तक उल्टा पुल्टा और कई नसले समाप्त गिद्ध और कौए ये बात तो हम नही बैगानिक कह रहे है .............. इस मानव जाती ने एक नसल का सफाया कर दिया ( नादानी में ) गिद्ध जैसी नस्लों का सफाया कर दिया ...............अगला निशाना kun है पता नही कही हम तो नही ......................


कैसा लगा ये अंक इसप्रकार की बातें जानने के लिए देखे दिस्कोउवेरी और गयान वाले चैंनल

अगला अंक एक शहर और गाव कि बर्ता ............

2 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

अच्छी उपयोगी पोस्ट लिखी है।आभार।

mark rai ने कहा…

agala nishaana koun hoga ..sach kishi ko pata nahi..
sab dikhawe ka natak karte hai ...