जीवन एक संगिनी की तरह है । हमेशा आपके साथ । राह में हर मोड़ पर कदम मिलाते हुए ।
कुछ ख़त्म हो गया तो क्या हुआ । बहुत कुछ अभी बाकी है , मेरे दोस्त .....कहाँ खो गए ।
दोस्त ! एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती । बहुत से सपने अभी भी बुने
जा सकते है । टूटने दो यार एक सपने को ..वह टूटने के लिए ही था ।
हर शाम के बाद सुबह , हर सुबह के बाद शाम । यह तो प्रकृति का नियम है । अभी शाम है ...
मेरे दोस्त । सुबह का इन्तजार करो । आनेवाला ही है । फ़िर डर कैसा ? जम कर करो ,इन्तजार ।
क्या कहू दोस्त ....जीवन में अँधेरा भी तो जरुरी है । तभी तो उजाले का प्रश्फुटन होगा ।
अंधेरे के बाद का उजाला ज्यादा मीठा होता है । चख कर तो देखो ।
7 टिप्पणियां:
sahi baat hai
सही कहा, जिन्दगी किसी सपने से बहुत बडी होती है।
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सम्मोहन के यंत्र
5000 सालों में दुनिया का अंत
हो भी जाती है अगर वही सपना जिन्दगी हो.
ये दूसरी बात है कि जिन्दगी से जुदा हो कर भी कई लोग जी लेते हैं.
bahut khoob mark saahab bilkul sahee likhaa hai aapne jindagee ke dono pahaluon ke bina jindagee kaa falsafa pooraa nahin hota ..
सत्यवचन
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तख़लीक़-ए-नज़र । चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें । तकनीक दृष्टा
मंच mahanayak श्री मारकंडे जी,
आप का ये लेख कितना अच्छा है ये मेरे शब्दों का महोताज़ नहीं क्यकि इसके पूर्व में दी गयी सारी badaiyan मेरे भी हर्दय का सार है
सही कहा आपने ..किसी एक सपने के टूटने से जिंदगी नहीं रुक जाती..!ये तो अनवरत जारी रहती है...इसलिए कोई बात नहीं एक दरवाज़ा बंद होने पर हजारों अन्य खुल जाते है...बस धैर्य.. चाहिए..!
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