शनिवार, 25 जून 2011

क्या बदलोगे तुम


क्या क्या बदलोगे ,

क्या बदलोगे तुम

हिन्दुस्तान में

पकिस्तान में

या इरान में

और अपने नाम में


क्या बदलोगे तुम इस दुनिया में

जब सब बदल गए है

जिन्दा मर गए है

कलेजे गल गए है


क्या बदलोगे तुम

दूध घी मिल्लता नहीं

और खुल गए मैखाने है

तुम्हारे सपने बैमानी

और उनके सपने अफसाने है


क्या बदलोगे तुम

गाव में बच्चे माँ का खून पी जी रहे है

और शहरों में माँ बियर पी जी रही है


क्या बदलोगे तुम

सब कुछ तो बदल गया

इमानदार एक गाली है

फूलो का चोर ही माली है

अमीर देश है ये

और घर घर कंगाली है


और क्या बदलोगे

सभ्यता संस्क्रति या धर्म

कुछ नहीं बदला

बस बदल गयी पहचान

कपडे बदले बोली बदली

और बदले अरमान

घर छूट गया

परिवार टूट गया

सब कह रहे है मतलबी इंसान

और क्या बदलोगे तुम

अपनी या मेरी - पहचान


मेरी आँखों में देख कर मुझ से कहो :-

" मैं शपथ लेता हूँ कि

सरकार कि माँ की

कमीनो कि बहन की

भ्रष्टो कि बेटी की

भावनाओ को ठेश नहीं पहुचौन्गा |

२: प्यासे को पानी जरुर पिलाऊंगा

३: देश की आबरू के लिए

अपना तन मन धन नहीं देखूंगा

४ : नहीं देखूगा उस नारी को

जो विदेशी लिबाश में लिपटी हो

५ : नहीं खरीदूंगा उस का सामान

जिसपर हो विदेशी होलोगार्म

६ : नहीं करूँगा उससे बात

जो कहते है अच्छे हालत

७ : मैं खुद में खुदा (भगवान ) धुन्धुंगा

कर इबादत , माफ़ी गुनाहों की

८ : अपने कर्म में धर्म को लाऊंगा

उसको अपना उद्देश बनाऊगा

इसके लिए मरना भी पड़ा तो

खुदा के लिए शीश भी कतऊंगा



मैं खुद को बदलूँगा खुदा से माफ़ी मागूंगा अपने हर उस गुनाह की जो

मै नासमझी में ,गलत प्रचार में , मैं धर्मो की नियम भूल गया ,




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