शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

गरीबी और कफ़न में लिपटी हुई लाश

गरीबी
पेड़ के पास बैठा था
एक लड़का बहुत उदास
आगे पड़ी थी उसके एक
कफ़न में लिपटी हुई लाश

आते जाते सेठ साहुकार
फेक देते थे पैसे दो चार
मैंने पूछा कौन है , कैसे मारा
लड़का बोला साहब
बाप मेरा गरीबी से मरा

गरीबी शब्द सुनकर
मेरी आँखे भर आई
ऊपर वाले को कोसा मैंने
क्यों तुने गरीबी बनायीं

मैंने निकाले जेब से
अपने रुपये हजार
कहा भगवान् के सामने
कहो किसी की है चल पायी
जाओ अब करा दो
इनका अंतिम संस्कार

एक दिन मै मंदिर के
रास्ते से गुजर रहा था
देखा वही लड़का अपने
बाप के साथ ,आज अँधा बनकर
भीख मांग रहा था

अब कैसे करे कोई किसी भी
गरीब की बातो का ऐतबार
जब बन चुकी है गरीबी ही
आज इनका सबसे अच्छा रोजगार

3 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

वेष बदलकर भीख माँगना भी तो एक मजबूरी है।
मजबूरों के लिए हृदय में कोमल भाव जरूरी है।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

श्यामल सुमन ने कहा…

वेष बदलकर भीख माँगना भी तो एक मजबूरी है।
मजबूरों के लिए हृदय में कोमल भाव जरूरी है।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

निर्झर'नीर ने कहा…

अब कैसे करे कोई किसी भी
गरीब की बातो का ऐतबार
जब बन चुकी है गरीबी ही
आज इनका सबसे अच्छा रोजगार

baba bharti or daku khadaksingh ki kahani yaad aa gayi