शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009

इंसान और डर (इंसान पार्ट १)

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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~इंसान~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कब जन्म हुआ कई राय है पर इस पर मेरी कोई राय नही । इंसान जंगल में रहने वाला जानवर था जो आज केवल कुछ जगह आदिवासी के रूप में जन जाता है । पर कल तक ये इंसान जंगल में अकेला रहता था और अन्य जंगली जानवर इस पर हमला करते थे व इसका शिकार करते थे । इसने अपना बचनेके लिए जन समूह में रहने लगे और इससे समुदाय का विकास हुआ | आज भी समुदाय में काम अच्छे प्रकार से किए जाते है या सब काम समुदाय के सिधांत पर ही किया जाता है ।

समुदाय में रहने पर इसको जंगली जानवरों से निपटने पर एक आसान तरीका मिल गया पर भोजन के लिए जंगलो पर निर्भर रहने वाला व्यक्ती jangaloo का डर जंगली जवारों का डर तो इसने आपने खाने के लिए खेती करना सुरु किया और जानवरों को बंधक बनाना सुरु किया इसके बदले वो जानवरों को सुराचा और खाना भी देते थे जो की उनके लिए जरुरी था पर .............. अब इनसानों के लिए डर कुछ और था ये था

इंसानों का डर क्योकि कुछ लोग ताक़त के बदले लूट पाट किया करते थे और समुदाय में रहने वाला इंसान के लिए ये चलते फिरते समुदाय (डाकू इत्यादी ) का डर था जो की इनको डरता था

इस डर से निपटने के लिए इसने कुछ उग्र सावाभ. वाले लोगो को सुरछा का जिम्मा दिया और हथियारों का निर्माण भी अब यहाँ से सुरु हुआ इंसान और इंसान के बीच में जानवरों का व्यव्हार इसका अन्तर अब दिखने लगा
छेत्र से जाती से darm से देश से ये कुछ शब्द आते ही इंसानों के बीच डर आता था और इंसान की तस्वीर दिखायी देने लगती थी जो आज तक चली आरही है
लेकिन समय के साथ एक नए तरीको ने जन्म लिया और इनसब को सुरछा और व्यापार एक साथ चाइये था
तो अलसी भर्स्ट लोगो ने विदेश से इसकी वाव्स्था की और फिर शुरू हुआ गुलामी और चापलूसी का युग जो चापलूस नही था वो ताक़त के दम पर गुलाम बनआ दिया जाता (मेरी राय में विना वोटिंग के आकडे चापलूसी के आकडे होते है) और एसा इतिहास में हुआ की कई देश गुलाम हुए गुलामी में भी डर होता है डर कल का अपने बच्चों के भविष्य का .........

इस गुलामी से उताका चुके लोगो ने vidodh ched दिया दुतीय विश्व युद्ध का करण था मंदी जो की गुलामी और वायपर निति के वजह से हुयी थी इस युद्ध में न जाने कितनी जाने गयी और इस प्रकार लोगो को युद्ध से डर लगने लगा |

और इंसान ने इस समय तक प्रकति के हर चीज पर कब्जा कर लिया था मतलब वो हवा में उड़ सकता था पानी में दूर तक जा सकता था और भी अब वो उनसभी जानवरों को अपने पास वंधक बना चुका था जो की उसका शिकार करते थे पर प्रकति और इंसान की लडाई बाकी थी

ये लडाई जानवरों और इंसानों से इंसानों की थी और अब इनका समाधान दुन्ढ़ लिया गयापर इंसान नही मानता वो डर रहा था प्रकती से और अगला हमला प्रकती एवं व्रम्हंद से था तो उस पर सुरु हो गया ......

इसने छोटे से छोटे चीजो पर खोज कर डाली एक चीज सामने आयी डी सबसे सकती शाली चीज़ .........
इसने बताया की इंसान वन्दारो के समाज से है और इस लिए उसकी सभी चीजे बंदरो की तरह है जैसे किसी बंदरो के मरने पर सब बंदरो का प्रदर्शन वो इंसान भी करता है और दूसरो का भला न देखना वो इंसानों में भी मिलता है काम की चीजे न मिलने पर उत्पात मचाना वो इंसान भी करता है ...... इसलिए इंसानों में कुत्तो के डीअन ऐ का प्रोग चल रहा है की एक सुई से ये इंसान गुलामो कीतरह दौड़ कर काम करेगा ...... और भी इंसानों के कारनामे जानिए
अगले अंक में केवल और केवल मंच पर

2 टिप्‍पणियां:

AMBRISH MISRA ( अम्बरीष मिश्रा ) ने कहा…

aap ki rai ka intzaar hai mujhe

jai hindustaan

अजय कुमार झा ने कहा…

ambrish bhai,
bilkul anokhaa vishay, judaa andaaj aur kamaal kee jaankaaree se yukt lekhan, agle ank kaa besabree se intjaar rahegaa.....