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गुरुवार, 7 मई 2009
इरादा ....
इरादा ........ !
इरादा तो इतना है की कब्र से भी निकल आऊं ।
पर केवल उजाले के लिए । यही एक चीज मुझे कब्र से भी बाहर निकाल सकती है ।
मजाक नही कर रहा ....अभी तुमने मुझे जाना ही नही ।
1 टिप्पणी:
आशीष कुमार 'अंशु'
ने कहा…
Bahoot Khoob Bhaiiii...
07 मई, 2009 12:57
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Bahoot Khoob Bhaiiii...
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