गुरुवार, 30 अप्रैल 2009

चुनाव जीवन का सबसे कठीण काम
शोचो देखो और दे आओ फिर पछताओ
हर साल हर माह हर दिन तरसाओ
की कब मिलेगा एक मौका
बदलाब का
लेकिन फिर ...

नया चेहरा
नयी पार्टी
नए विचार
जाया जोश
नया गटबंधन
नया पण
नया तराना
नया समीकरण
और
फिर वही चुनाव
वाही खामोशी
वही वयवहार
और
पत्याशी की जीत
वोटर की हार
ये चुनाव है मेरे यार !

6 टिप्‍पणियां:

ghughutibasuti ने कहा…

बदलाव की जरूरत है।
घुघूति बासूती

AMBRISH MISRA ( अम्बरीष मिश्रा ) ने कहा…

aap ka abhar

Urmi ने कहा…

बहुत ही उन्दा लिखा है आपने !

AMBRISH MISRA ( अम्बरीष मिश्रा ) ने कहा…

bablee ji aap ka bhi abhar

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

ji...chakoo khrbuje par gire ya gharbuja chaku par..yaani haar to voter ki hi honi hai....

AMBRISH MISRA ( अम्बरीष मिश्रा ) ने कहा…

aap ki baat bhi sahi hai prihaar ji