चुनाव जीवन का सबसे कठीण काम
शोचो देखो और दे आओ फिर पछताओ
हर साल हर माह हर दिन तरसाओ
की कब मिलेगा एक मौका
बदलाब का
लेकिन फिर ...
नया चेहरा
नयी पार्टी
नए विचार
जाया जोश
नया गटबंधन
नया पण
नया तराना
नया समीकरण
और
फिर वही चुनाव
वाही खामोशी
वही वयवहार
और
पत्याशी की जीत
वोटर की हार
ये चुनाव है मेरे यार !
6 टिप्पणियां:
बदलाव की जरूरत है।
घुघूति बासूती
aap ka abhar
बहुत ही उन्दा लिखा है आपने !
bablee ji aap ka bhi abhar
ji...chakoo khrbuje par gire ya gharbuja chaku par..yaani haar to voter ki hi honi hai....
aap ki baat bhi sahi hai prihaar ji
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