गुरुवार, 11 जून 2009
पंगेबाज के पंगे से .....
पंगेबाज के पंगे से, हो गया तगड़ा पंगा जी.....
ब्लोग्गेर्स भिड गए आपस में, ऐसा हुआ फिर दंगा जी....
कैसा हुआ ये दंगा, चंहु और है यही नजारा ....
पहले पन्ने पर , किसी न किसी रूप में , इसने है पाँव पसारा ...
इसने पाँव पसारा ऐसा, कि, बड़े बड़े भी उखड गए...
वाघा बौर्डर खींच कर, कुछ इधर गए, कुछ उधर गए...
कुछ उधर गए , कुछ उजड़ गए,
पोस्ट हटाई, माफी माँगी , पंगेबाज जी घर गए....
पंगेबाज जी घर गए , छोड़ दिया मैदान...
ब्लोग्गरों ने सम्भाला मोर्चा, लड़ रहे घमासान...
लड़ रहे घमासान.,कि अभी तो ये आग लगी रहेगी...
किसी न किसी ब्लॉग पर , पोस्ट वो टंगी रहेगी...
पोस्ट वो टंगी रहेगी, होगा फिर शाश्त्रार्थ...
अदालतों से कौन ले पंगा, यही है भावार्थ.....
यही है भावार्थ बन्दे, सत्य समझ के मान.....
युद्ध चला जो और , हम बन संजय करेंगे बखान.......
भैया ये कविता ..उन सभी पंगों को हमारी श्रद्धांजलि है जो सब पंगई में लगे हैं..
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23 टिप्पणियां:
मदारी शैली में लिखी पोस्ट मजेदार है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
पंगेबाज - दंगेबाज की लड़ाई का लुत्फ उठा रहे हो?
ये अच्छी बात नईं है
बरतन आपस मे टकराएगें ही।
रचना सार तो ठीक है ,
पर प्रस्तुति का अँदाज़ चिढ़ाने वाला है ।
बाकी सब ठीक ठाक है, अपना ध्यान रखियेगा ।
आप का ब्लाग अच्छा लगा...बहुत बहुत बधाई....
एक नई शुरुआत की है-समकालीन ग़ज़ल पत्रिका और बनारस के कवि/शायर के रूप में...जरूर देखें..आप के विचारों का इन्तज़ार रहेगा....
ghamaasaan achaa hai.bandaron ko aapas mai ladwaane ke liye gud ki bhelee mai chane dabaa kar rakhe jaate hai .us ke saath hi chote chote lakdi ke dande bhee rakh diye jaate hai.chane waali bhelee par kabjaa karne ko bandron mai jo ghamaasaan machtaa hai woh dekhne laayak hotaa hai.isiliye blogers ke liye bhee koi rochak samsaamaayik vichaar jaroor rakh diyaa kijiye.
श्रद्धांजलि तो हमारी भी धर लो कि आगे से ऐसा न हो!
भाई बहुत बढ़िया
करार व्यंग है
बधाई आपको
मेरी शुभकामनायें
आज की आवाज
बहुत बढिया...दूसरों के फटे में टाँग अड़ाना तो ब्लॉगरों का जन्मसिद्ध अधिकार है
jo jiska kaam rahegaa vo karega hi, aap kyo pareshaan hai...ham ko sirf apna kaam imaandaari se karna hai,pangebaaz to aayenge jaayenge.....
bahut achche bhqai kya baat hai aap ki ajay bhai sorry main delhi to aaya aur jald hi chla gya aur usi dauran mera mobile bhi wahi kho gaya to no and contect na kar saka no punhan de sakhe to theek ahi
ambrsish
kitna sahi kaha hai aapne...aaj kal to har jagah politics hoti hai....
dhanyawad,bol b. bol ...............
bhala bole aap.
बहुत खूब लिखा है आपने.
{ Treasurer-T & S }
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!
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INDIAN DEITIES
Ye bakhaan jaare rahe.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
पंगेबाज का जवाब नहीं।
{ Treasurer-S, T }
पंगेबाज का जवाब नहीं।
{ Treasurer-S, T }
अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
मैनें अपने सभी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग "मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी"में पिरो दिया है।
आप का स्वागत है...
आपको पढ़कर बहुत अच्छा लगा. सार्थक लेखन हेतु शुभकामनाएं. जारी रहें.
होने दीजिये लडाई ब्लाग्स में, यह विचार का प्रवाह है.
नमश्कार!
भाई साहब, आपने तो बहुत ही अच्छा लिखा है, पता नहीं लोग एक-दूसरे से पंगा क्यों लिया करते हैं,
हमको आपकी रचना बहुत ही अच्छी लगी,
बधाई हो आपको.......
man of the month (oct 2009) is mr ajay ji
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